शाम तक
कहां खो गये तुम सुबह के उजाले में देखो भीड़ बड़ी है दुनिया में रास्ते हैं बड़े उलझे से और लोग हैं बहुत सख्त पता साथ रखना पर पता याद रखना किसी को क्या फुरसत पड़ी तुम्हें रास्ता पार कराने में खैर आना तो तुम्हें होगा पर याद रहे आज के ढलते शाम के पहले इन समुद्री लहरों के ऊँचे उठने से पहले पक्षियों के घोसले में लौटने से पहले चांदनी के आसमान में बिखरने से पहले तुम इस दरवाजे लौट आना लौट आना तुम कुछ याद के साथ लौट आना तुम कुछ अहसास के साथ लौट आना तुम हमारे प्यार के साथ