शुरुआत

दिन नया लो
रंग नया लो
उमंग नया लो 
चाय का संग नया लो
हांजी, जीने का ढंग नया लो 

फूलों भरी इस वादी में
कुछ भीनी सी सुगन्ध नया लो
उगते उस सूरज की किरणों से 
ऊर्जा की तरंग नया लो 

बीतें तुम्हारी उन डायरी में 
जीने का सबक नया लो 
लिखो तुम उसमें फिर ऐसा ....
चलो फिर शुरुआत लो पन्नें नया लो 


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