हवा

कुछ इस पार कुछ उस पार
रोज सुनाई देती कुछ आवाजें
कभी दस्तक दे जाती 
हां कभी ठहर जाती 
कभी मुझसे प्यार दुलारती
कभी रूठी रह जाती
कभी सहमी सी मुझे डराती
कभी जाते जाते फिर रुक जाती
रहना तो है उसे दोनों के छाव
कुछ इस पार कुछ उस पार

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